Monday, 20 July 2020

मौन हो तुम अभी तो फिर मौन ही सही





मौन हो तुम अभी तो फिर मौन ही सही,
प्रोफाइल पिक बदल कर कुछ कहीं तो सही।
तुम्हारे मन में चल रही बात पता तो चली,
पर कारण है क्या, यह तुम नहीं कह रही।

बात सच है हर समय कोई मजबूत नहीं होता,
पर जिसके साथ हो महादेव, वो यूही नहीं रोता।
कभी-कभी अकेले रहने की होती है जरूरत,
बहते है जो आंसू उनकी भी होती है कीमत।

इन आंसुओ को ऐसे न बहाओ,
क्या बात हुई, हमसे भी बताओ।

कुछ तो बात होगी, कोई तो ख़ता होगी,
हमसे हो ना सही, किसी और से तो होगी।
हमसे है ख़ता तो बता दो, झुक जाएंगे हम,
किसी और से है तो उसे झुका देंगे हम।

क्लास नहीं चल रहा पूरा, होमवर्क हो रहा अधूरा,
तुम्हारी बातों व चित्रों के बिना नींद नहीं हो रहा पूरा।
टीचर तुम चली आओ भोले शिष्य का निमंत्रण है,
कलाकार चली आओ, रंगों व ब्रशों का आमंत्रण है।

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