Friday, 26 October 2012

बजरंग बली कूद पड़े ले के गोल गप्पा ?

दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन में बजरंग बली खूब छाये रहे। एक गाना खूब बजा बजरंग बली कूद पड़े ले के गोल गप्पा। पूरा मुखड़ा है ...... निकली सवारी भोला के प्यारी, बाबा के नारा लगाये रहे बप्पा, बजरंग बली कूद पड़े ले के गोल गप्पा ..बजरंग बली कूद पड़े ले के गोल गप्पा ..बजरंग बली कूद पड़े ले के गोल गप्पा । गोल गप्पा क्या चीज है आप सभी जानते हो ... पर गाने में बजरंग बली को गोल गप्पा ले कर कूदने की क्या जरूरत पड़ी समझ मे नही आया। जहा  तक बाबा के नारा लगाये रहे बप्पा वाली लाइन है समझ में आती है ...गोल गप्पा ले कर कूदने वाली लाइन का क्या मतलब है पता नही। हो सकता है, गाना लिखने वाले ने गाने की लाइन को लयबद्ध करने के लिए पहली लाइन का अंत बाप्पा और दूसरी लाइन का अंत गोल गप्पा कर दिया हो। अर्थ क्या निकलता है, उससे लेखक को कोई मतलब नही है। नये युग के लेखक गायक  है। जहा तक जानकारी है बजरंग बली लंका में कूदे थे वो भी गोल गप्पा के लिए नही बल्कि सीता माँ तक भगवान श्रीराम के संदेश को पहुचाने के लिए। आप लोगों को कुछ और याद हो तो मेरी जानकारी का विस्तार करियेगा। पुरे गाने में शिव परिवार का गुणगान है ..पर गाने के बीच-बीच  में बजरंग बली गोल गप्पा लेकर क्यों कूदते रहते है पता नही । शायद लेखक ने गाने में बजरंग बली के पात्र को कूदने तक ही सीमित रक्खा है। एक लाइन ये की जीवन में  कभी  खाय न  गच्चा, बजरंग बली कूद पड़े .............। गाने की आखरी लाइन ये कि दयालाल यादव के गीत रहे सच्चा , बजरंग बली कूद पड़े .............। गाने में खुद की पब्लिसिटी। गाने का संगीत तेज और नचाऊ है तो लोग नाचते है ...गाने के बोल क्या है किसी को क्या मतलब ......अच्छा बजने से मतलब है बस। गाने में गेस्ट अपीयरेंस है बजरंग बली का। पर गाने का फोकस उन्ही पर है बिना अर्थ व मतलब का ।

1 comment:

  1. kya baat hai Dev..!!! geet ki samiksha bilkul sahi aur sateek dhang se ki hai.....is gane se kahi zyada aanand to tumhara yah post padhkar aaya.

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